आज हमें और हमारे राष्ट्र के नेतृतव को स्वस्थ मानसिकता से राष्ट्र चिंतन करने की आवश्यकता है ! एक और हम आयर्वेद रूपी सम्पूर्ण जीवन विज्ञानं को २% तक सिमित कर हतौत्साहित कर जन भावनाओ की उपेक्षा कर रहे है ! वही दूसरी तरफ हमारे देश के धन को बेंकिंग गोटालो के माध्यम से लाखो करोड़ो रूपये लुटा रहे है ! स्वदेशी बौद्धिक सम्पदा से वंचित कर देश के किसान ,युवा ,बौद्धिक समाज को कमजोर और भयग्रस्त कर दिया गया है ! भारत की जनता को बीमारियों के मकडजाल में फंसा दिया है ! मुफ्त की दवाओ से जनता हमेशा बीमार है ! hipatitis कैंसर इत्यादि गंभीर रोग होना आम बात है ! दवा कम्पनिया मालामाल है ! देश बेहाल ! अब समय आ गया है ! राष्ट्र के लिय चिंतन- मनन स्वस्थ मानसिकता से करे ! अन्यथा फिर पछतावत क्या होत है जब चिडया चुग गयी खेत ! जय हिन्द !
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