Monday, 19 February 2018

अहिंसा जीवनीय शक्ति बढाने में श्रेष्ट !

अहिंसा मानव का स्वाभाविक धर्म है ! सभी सुखी रहे , सभी निरोगी रहे ,सभी का कल्याण हो ,हम सभी को कोई दुःख नहीं हो ! सनातन  धर्म के जन्कल्यानकारी मार्ग से भटकर आज सारे विश्व के जनसमुदाय एक दुसरे की हिंसा करने को ही अपना धर्म समझ रहे है ! आज इन्ही हिंसावादी विचारो से मिलावटखोर खानपान की वस्तुओ में मिलावट कर रहे है !आकाश ,वायु जल पृथ्वी अग्नि  रूपी पञ्च देवो को दूषित कर रहे है ! इन कारणों  से  रोगों की गंभीरता बढती जा रही ! चिकित्सा जो धर्म था वह अब यवसाय का रूप ले चूका है !अतः बुद्धिजीवी समाज को वसुदेव कुटुम्बकम की भावना वाले सनातनधर्म को मानवीय धर्म के रूप में स्विव्कार करके विश्व जन को सम्पूर्ण स्वास्थ्य प्रदान करना चाहिये !                                                                                                                                                         


                                                               जय आयुर्वेद !

2 comments:

  1. Aap ka address & mobile no bataiye

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  2. Rajgruh co op society, room no. 305, B. M. Marg, behind Holy Cross High school, Prabhadevi
    Mob. No. 9322013132/9324252581

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